यूपी के अलीगढ़ से गिरफ्तार रोह‍िंग्‍या खलीक के पहचान पत्र निकले फर्जी, म्यांमार से आकर रशीदीन मस्जिद में बना था इमाम

यूपी के अलीगढ़ से गिरफ्तार रोह‍िंग्‍या खलीक के पहचान पत्र निकले फर्जी, म्यांमार से आकर रशीदीन मस्जिद में बना था इमाम

यूपी के अलीगढ़ से गिरफ्तार रोह‍िंग्‍या खलीक के पहचान पत्र निकले फर्जी

यूपी के अलीगढ़ से गिरफ्तार रोह‍िंग्‍या खलीक के पहचान पत्र निकले फर्जी, म्यांमार से आकर रशीदीन मस्जिद

फर्जी दस्तावेजों के सहारे अलीगढ़ में रह रहा एक और रोहिंग्या एटीएस लखनऊ की टीम ने गिरफ्तार किया है। यह शहर के भुजपुरा इलाके की एक मस्जिद में इमाम बनकर करीब सात साल से रह रहा था और दो माह पहले ही सिविल लाइंस के जोहराबाग इलाके में किराये पर रहने के लिए पहुंचा था। गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने उसे अब लखनऊ के न्यायालय के आदेश पर रिमांड पर लिया है। अब उससे उसके संपर्क व परिवार के विषय में पूछताछ की जा रही है। बता दें कि इससे पहले भी शहर से फर्जी प्रपत्रों पर रहने वाले रोहिंग्या पकड़े जा चुके हैं।
अवैध रूप से बांग्लादेश की सीमा पार कर भारत में आकर बसे रोहिंग्या की निगरानी में जुटी एटीएस लखनऊ यूनिट ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर 11 जून की रात में यहां दबिश दी। शहर के सिविल लाइंस के जोहरा बाग इलाके में मकान में किराये पर रह रहे खलीक अहमद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार, खलीक अहमद मूल रूप से म्यांमार के अक्याब जिले के मांगड़ू थाना क्षेत्र स्थित वली बाजार कस्बे का निवासी है। वह वर्ष 2015 में भारत आया था और फर्जी प्रपत्रों के सहारे भारतीय पहचान पत्र बनवाकर अलीगढ़ में रह रहा था। उसने बाकायदा भारतीय पहचान पत्र बनवाया है। वह यहां भुजपुरा सुपर कॉलोनी की एक मस्जिद में इमाम का काम कर रहा था।
यह भी जानकारी में आया कि इससे पहले वह देवबंद व मुजफ्फरनगर के मदरसों में भी पढ़ा चुका है। इस सूचना पर टीम ने वहां घेराबंदी की। इसी घेराबंदी के दौरान खबर मिली कि वह जम्मू से अलीगढ़ लौट रहा है और उसे अलीगढ़ आते ही गिरफ्तार किया गया। इसके बाद टीम उसे सीधे लखनऊ ले गई, जहां उसके खिलाफ एटीएस थाना लखनऊ में धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के अलावा 14 विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इधर, एटीएस ने खलीक के खिलाफ रिमांड आवेदन किया, जिस पर उसे 10 दिवसीय पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हुआ है। अब एटीएस उससे भारत में प्रवेश दिलाने, फर्जी प्रपत्र तैयार कराने व परिवार आदि के विषय में जानकारी करेगी। वहीं, अब तक की पूछताछ में पता चला है कि खलीक अब तक भुजपुरा में ही मस्जिद के पास किसी कमरे में रहता था। मगर अब वह जोहरा बाग सिविल लाइंस में एक मकान में किराये पर आकर रहने लगा था। दो माह पहले ही उसने यह कमरा किराये पर लिया था।
शहर में पहले भी पकड़े गए रोहिंग्या
अलीगढ़। शहर में रोहिंग्या पकड़े जाने का यह पहला मामला नहीं है। यहां की कई मीट फैक्टरियों में काफी संख्या में रोहिंग्या काम कर रहे हैं। शहर के मामूद नगर, भुजपुरा आदि इलाकों में रोहिंग्या रहते हैं। हालांकि इनकी संख्या 500 से ज्यादा होगी। मगर पुलिस रिकार्ड के अनुसार 20 से 25 परिवारों के 246 लोग यहां रह रहे हैं, जो वर्क परमिट पर दर्ज हैं। यहां रोहिंग्या की आमद वर्ष 2010 के आसपास मीट फैक्टरियों की डिमांड पर हुई थी। बता दें कि आठ माह पहले भी यहां से लगातार तीन रोहिंग्या इसी तरह फर्जी प्रपत्र, सोना तस्करी व महिला तस्करी के आरोप में पकड़े गए थे। इसके बाद से इनकी निगरानी बढ़ी हुई है।